गोवर्धन पीठ , पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि रथ यात्रा पर रोकने के अपने आदेश वह फीर से एक बार विचार करे । उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से करोड़ों भक्तों की भावना को ठेस पहुंचेगी । विश्व हिंदू परिषद ने भी कोर्ट से आग्रह किया है कि वह रथयात्रा पर रोक लगाने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया था रथ यात्रा को रोकने के आदेश
एक एनजीओ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को यात्रा पर रोक लगा दी थी । सुप्रीम कोर्ट पुरी रथयात्रा पर रोक लगाने के अपने आदेश में संशोधन की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा । शीर्ष कोर्ट ने 18 जून को पुरी और राज्य में अन्य स्थानों पर रथयात्रा पर रोक लगाते हुए कहा था कि कोविड- 19 को देखते हुए इतने बड़े जमावड़े की इजाजत नहीं दी जा सकती । इसके लिए भगवान जगन्नाथ हमें माफ करें । इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए याचिकाएं दायर की गई थी।
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- सुप्रीम कोर्ट ने भगवान की रथ यात्रा को दी मंजूरी ।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना चार दिन पुराना फैसला पलटते हुए यात्रा को मंजूरी दे दी । ओडिशा के पुरी में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी । हालांकि , कोर्ट ने साफ किया कि यात्रा का आयोजन सिर्फ पुरी में होगा । साथ ही निर्देश दिया कि केंद्र और ओडिशा सरकार जरूरी स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करें । चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर रथयात्रा निकालेंगी ।सोमवार रात 9 से बुधवार दोपहर बाद 2 बजे तक शहर पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की है।इस दौरान सभी दुकानें बंद रहेंगी । कोई पुरी में प्रवेश नहीं कर सकेगा ।कोर्ट ने कहा , एक रथ को 500 से अधिक श्रद्धालु नहीं खींचेंगे , रथ खींचने वाले सभी श्रद्धालु कोरोना निगेटिव होने चाहिए ।
मंदिर प्रबंधन समिति और राज्य सरकार देखें कि स्वास्थ्य से समझौता न हो । इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट से 18 जून के आदेश में बदलाव का अनुरोध करते हुए कहा , सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा नहीं जा सकता है । ओडिशा सरकार ने भी अनुमति देने की मांग की थी ।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बधाई दी । उन्होंने ट्वीट किया , पीएम नरेंद्र मोदी ने मामले का सकारात्मक हल निकले , इसके लिए तुरंत प्रयास शुरू किए , जिससे हमारी यह महान परंपरा कायम रही ।उल्लेखनीय है कि 10 दिन तक चलने वाले रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत 23 जून से हो रही है । 1 जुलाई को ' बहुदा जात्रा ' ( रथयात्रा की वापसी ) शुरू होगी ।
मंदिर प्रबंधन समिति और राज्य सरकार देखें कि स्वास्थ्य से समझौता न हो । इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट से 18 जून के आदेश में बदलाव का अनुरोध करते हुए कहा , सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा नहीं जा सकता है । ओडिशा सरकार ने भी अनुमति देने की मांग की थी ।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बधाई दी । उन्होंने ट्वीट किया , पीएम नरेंद्र मोदी ने मामले का सकारात्मक हल निकले , इसके लिए तुरंत प्रयास शुरू किए , जिससे हमारी यह महान परंपरा कायम रही ।उल्लेखनीय है कि 10 दिन तक चलने वाले रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत 23 जून से हो रही है । 1 जुलाई को ' बहुदा जात्रा ' ( रथयात्रा की वापसी ) शुरू होगी ।
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