रामदेव की कंपनी पतंजलि कंपनी के विवादित कोरोनिल को एक और झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट ने कंपनी को कोरोनील ट्रेडमार्क को इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
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अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड कहना है , कि कोरोनील 1993 से उसका ट्रेडमार्क है , इसका मतलब यह है कि इस नाम को कोई और कंपनी इस्तेमाल नहीं रह सकती है । अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड केमिकल और सेनीटाइजर बनाती है जिसका इस्तेमाल हेवी मशीनरी और कंटेनमेंट यूनिट में किया जाता है। कंपनी के मुताबिक उसने 1993 को कोरोनील 213 एसपीएल और कोरोनील-92बी का रजिस्ट्रेशन करवाया था । कंपनी का दावा है कि वह इस नाम को लगाता है रिन्यू करवा रही है ।
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कंपनी ने एक बयान में कहा है फिलहाल इस मार्क पर 2027 तक हमारा अधिकार वैलिड है। कंपनी ने इस ट्रेडमार्क को वैश्विक स्तर का बताया है । कंपनी में कहा कि उसके क्लाइंट भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ( BHEL ), इंडियन ऑयल जैसी कंपनियां हैं । रिपोर्ट के मुताबिक अपने दावे को साबित करने के लिए याचिकाकर्ता ने कोर्ट में 5 साल का बिल भी पेश किया है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी ने कोर्ट में कहा कि पतंजलि की ओर से बेचे जाने वाली कोरोनील का मार्ग ठीक उनके कंपनी के मार्क से मिलता है । बेचे जाने वाले कंपनी के प्रोडक्ट भले ही अलग हो लेकिन ट्रेन मार्क एक जैसा है ।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से 23 जून को कोरोनील लाँच किया गया था । इसके के बादआ मंत्रालय के आयुर्वेद ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी की ओर से पतंजलि को नोटिस भेजा गया था। 1 जुलाई को आयुष मंत्रालय ने कहा कि कंपनी इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में कोरोनील बेच सकती है।
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