पूर्वी लद्दाख में करीब डेढ़ महीने से जारी तनातनी के बीच चीन - भारत सेना पीछे हटाने पर राजी हो गए हैं । वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एलएसी ) पर पूर्व की स्थिति बहाल करने के भारत के कड़े रुख के बाद चीन इस पर सहमत हो गया । सैन्य कमांडरों की करीब 12 घंटे चली बैठक में तय हुआ कि चीन गलवां , पैंगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग से सैन्य जमावड़े को दो मई की स्थिति में पीछे ले जाएगा और भारत भी सैनिक हटाएगा । गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद विवाद सुलझाने के लिए सैन्य कमांडरों की वार्ता हो रही थी ।
चीन के मॉल्डो में सोमवार देर रात चली बैठक में यह सहमति बनी । भारत की ओर से बातचीत की अगुवाई कर रहे 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने मंगलवार को लेह पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को इसकी जानकारी दी । सूत्रों के मुताबिक , बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई । यह सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी है कि सेना हटाने के दौरान गलवां घाटी जैसे हालात नहीं बनेंगे । इसकी शर्तों और तरीके पर जल्द फैसला होगा ।
लेह पहुंचे सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने गलवान घाटी की झड़प में घायल जवानों से मुलाकात की । उन्होंने सैनिकों से 15 जून की रात की घटना के बारे में भी बात की । इसके बाद वह सीमा पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों से मिले । चीनी सेना के साथ सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता की भी पूरी जानकारी हासिल की । सेना प्रमुख दो दिन एलएसी के हालात का जायजा लंगे । जनरल नरवणे दिल्ली में सैन्य कमांडरों के दो दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद लेह पहुंचे हैं ।
इन्हें भी पढें :-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
How can I help you