जब किसी से प्यार करते हो, और वो रिश्ता टूट जाए तो खुद को संभालना बहुत मुश्किल होता है। आपको हर जगह वही एक इंसान नजर आता है । ऐसे समय में खुद को समझाना बड़ा मुश्किल होता है , कि वह शख्स जिससे हम इतना प्यार करते थे, वह इंसान इस दुनिया में नहीं रहा ।
सुशांत सिंह के जाने के बाद उनके चाहने वाले करोड़ों फैंस उनका भी यही हाल है । लोगों ने उनके जाने के बाद यू-ट्यूब पर मौजूद उनका हर एक वीडियो देखा, उनकी हर फिल्म द्वारा देखी उनके गानों को बड़े प्यार से सुना। टीवी से लेकर सोशल मीडिया तक उनसे जुड़ी हर एक खबर को फोलो किया ।
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सुशांत के जाने के बाद उन्हें देखने और समझने की प्यास इतनी बढ़ गई कि उसे शब्दों में बयान करना आसान नहीं है। अब इन सब इमोशन के बीच सुशांत की एक नई फिल्म को देखने का एक्सपीरियंस कैसा होगा, वह भी ऐसी फिल्म जो प्यार जज़्बात और मौत की कहानी बताती हो , जो बताती है की लाइफ कितनी है ,और इस पर हमारा कितना कंट्रोल है , लेकिन उसे कैसे जीना है यह पूरी तरह हमारे हाथ में है ।
सुशांत सिंह की फिल्म "दिल बेचारा " का रिव्यू
इस फिल्म में एक ऐसे लड़के का किरदार निभा रहे हैं जो खुद कैंसर से जूझ रहा है, मगर वो किजी नाम की एक लड़की को चेयर अप कर रहा है , जो खुद भी कैंसर से जूझ रही है ।
सुशांत को पता है कि उसके पास ज्यादा जिंदगी नहीं है , लेकिन जितनी भी जिंदगी है , उसमें वह सब कुछ कर लेना चाहता है । मैनी एक ऐसा लड़का है जिसे हर वक्त मजाक करना पसंद है। दिल की बात कहने से हिचकिचाता नहीं है , और रजनीकांत का दीवाना है ।
वही कीजी थोड़ी संजीदा किस्म की है वह तड़क-भड़क की बजाय मीनिंग फुल गाने सुनती है ।
मैनी और कीजी जब मिलते हैं तो एक दूसरे को बदलने लगते हैं , और एक दूसरे को प्यार करने लगते हैं । यह जानने के बावजूद कि उनके प्यार की उम्र ज्यादा लंबी नहीं है ।
फिल्म में कई जगह मौत को लेकर मजाक भी किया गया है । रहमान साहब का संगीत है संजीदा फिल्म की इमोशंस को और संजीदगी से बाहर लाया है।
फिल्म में कुछ खामियां भी हैं लेकिन फिल्म में सिर्फ सुशांत का होना ऐसी किसी भी खामि पर ज्यादा देर तक आपका ध्यान नहीं जाएगा । फिल्म के आखिरी 20 मिनट सबसे ज्यादा इमोशन भरे हैं । जो मैनी पूरी फिल्म में किजी के सपनों उसकी खुशियों की बात करता है।
एक दिनों से पता चलता है कि उसकी खुद की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी है।मगर यहां भी अपना जींदा दिली छोड़ता नहीं है । वह थिएटर जाकर अपने पसंदीदा रजनीकांत की फिल्म देखता है । वहां उसकी तबीयत थोड़ी और बिगड़ जाती है , फिर भी वह वहां से जाना नहीं चाहता ।
एक दिन वह किजी को फोन करके कीजी और उसका बेस्ट फ्रेंड को चर्च बुलाता है ।और वह यह चाहता है कि वह दोनों चर्च के मंच पर चढ़कर वो सुनाएं जो वह मैनी (सुशांत सिंह ) के मरने के बाद कहेंगे । इस दिन जब किजी मैनी की तारीफ करते हुए रो पड़ती है , तो आपके लिए भी खुद को संभालना मुश्किल पड़ जाएगा ।
अपनी मौत से पहले दोस्तों की तरफ से खुद के बारे में की गई अच्छी बातों को सुनते सुशांत का चेहरा आप से देखा नहीं जाएगा ।
आप पर्दे और असल जिंदगी में फर्क नहीं कर पाएंगे, यह सीन किसी को भी तोड़ देने की हद तक इमोशनल करती है, इसके बाद सुशांत का क्या होता है बचता है या नहीं किजी का क्या होता है इसको जानने के लिए मैं चाहता हूं कि आप इस फिल्म को जरूर देखें ।
कुछ मेरे बोल
फिल्म में मैनी के बारे में किजी और उनका दोस्त जो मैनी के बारे में अच्छी चीजें उसके सामने उसे यह बताते है कि मैनी उनके लिए क्या मायने रखता है, वह दोनों ही उसे कितना चाहते हैं । काश सुशांत ने अपनी असल जिंदगी में भी अपने चाहने वालों को एक बार ऐसा मौका दिया होता।
उनके करोड़ों फैंस जो उनके जाने के इतने दिनों बाद भी खुद को संभाल नहीं पा रहे हैं , अगर सुशांत जान पाते कि लोग उन से कितना प्यार करते थे । तो शायद कभी ऐसा कदम नहीं उठाते । बेशक उनकी लाइफ में ऐसे कई लोग होंगे जिन्होंने सुशांत को बहुत हर्ट किया है ,लेकिन उनके चाहने वालों के सामने तो उनकी तादाद कुछ भी नहीं थी।
आप भी लाइफ में कभी किसी की बात से हर्ट हुए हों किसी के बिहेवियर से दुखी हुए हो , और अपने बारे में पूरा सोचने लगे हो तो उससे पहले बस एक बार एक बार उन लोगों के बारे में जरूर सोच लीजिएगा तो आपको सच में बहुत प्यार करते हैं ।आपके फ्रेंड आपके मां-बाप मतलब कुछ बुरे लोगों की वजह से खुद के साथ गलत कर लेना उन चाहने वाले लोगों के साथ बहुत बड़ा अन्याय हैं जिनका प्यार उस नफरत से कई गुना बड़ा है स्पेशल।
मीस यू मैनी।
मिस यू सुशांत ।
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